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कर तेरा अभिनन्दन,तेरी चरणों में शीश झुकाता हूँ

मेरी रचनाएँ
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कर तेरा अभिनन्दन,तेरी चरणों में शीश झुकाता हूँ
हो जाये सफल जीवन,मेरा आशीष जो तेरा पाता हूँ

ऐसी शक्ति दे दयानिधि,कर सकूँ मदद मै दीनो की
खुशियों से घर रौशन कर दूँ,मैं बनकर लौ उन दीपों की
मिल जाता है सब कुछ मुझको,जो पास तुम्हारे आता हूँ
हो जाये सफल जीवन,मेरा आशीष जो तेरा पाता हूँ

मिल-जुल के रहें सब आपस में,ऐसा वरदान सभी को दे
हों शुद्ध सभी के अंतर्मन,तू सत्य का ज्ञान सभी को दे
स्वीकार करो विनती हे प्रभु ! दिन-रात जो तुझसे करता हूँ
हो जाये सफल जीवन,मेरा आशीष जो तेरा पाता हूँ

सबके जीवन का लक्ष्य ये हो,मानवता की सेवा करना
पीछे ये कदम न हटे कभी,ख़ातिर जब देश के हो मरना
हो जाते सब तीरथ पूरे,तेरी महिमा गाता हूँ
हो जाये सफल जीवन,मेरा आशीष जो तेरा पाता हूँ

हर घड़ी मैं तेरा ध्यान करूँ,बस तेरा ही गुणगान करूँ
कर सेवा तेरी चरणों की,यह जीवन तेरे नाम करूँ
मिटता है मन का अँधेरा,जब नाम तुम्हारा गाता हूँ
हो जाये सफल जीवन,मेरा आशीष जो तेरा पाता हूँ !!
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