मेरी रचनाएँ
- 52 Posts
- 55 Comments
दर्द होता नहीं है कम यूँ गुनगुनाने से,
खिल उठती है मेरी रूह तेरे आने से
इक उलझन मुझे हर वक़्त परेशां करती,
मुझको आता है मज़ा क्यूँ तेरे सताने से
इश्क की लौ से तू रौशन कर दे दिल मेरा,
होगा हासिल क्या तुझे दिल मेरा जलाने से
ज़िन्दगी मेरी ढल रही तेरी जुदाई में,
आ न पाऊं कभी शायद तेरे बुलाने से
ऐ ख़ुदा ! तुझसे मांगता हूँ बस इतना सा,
उनका दीदार करा दे किसी बहाने से
उनके आंसू की तू परवाह न कर अब ‘कुंदन’,
कौन रोता यहाँ औरों के चले जाने से
Read Comments